भू-जल रिचार्जिंग योजना: किसानों के लिए बड़ी खबर

हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के लिए “हरियाणा वाटर टैंक सब्सिडी योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को वाटर टैंक बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो सूखे या पानी की कमी वाले इलाकों में रहते हैं, ताकि वे अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी का संरक्षण कर सकें।
योजना का उद्देश्य 🌱
हरियाणा राज्य में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है, खासकर उन इलाकों में जहां जल स्तर गिर रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को वाटर टैंक बनाने के लिए आर्थिक मदद देना है, ताकि वे पानी इकट्ठा कर सकें और सिंचाई के लिए उसका उपयोग कर सकें। यह योजना जल संरक्षण को भी बढ़ावा देती है।
सब्सिडी राशि 💰
हरियाणा वाटर टैंक सब्सिडी योजना के तहत किसानों को 2.25 लाख रुपये से 3.25 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि किसानों को पानी की टंकियां बनाने के लिए दी जाएगी। इसके अलावा, इस योजना में सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों पर 85% तक की सब्सिडी भी दी जाएगी, जिससे किसानों को अपने खेतों में पानी बचाने में मदद मिलेगी।
योजना का विवरण | सब्सिडी राशि |
---|---|
वाटर टैंक सब्सिडी | 2.25 लाख से 3.25 लाख रुपये |
सूक्ष्म सिंचाई उपकरण | 85% तक की सब्सिडी |
योजना के लाभ 🌾
पानी की टंकियां बनाने के लिए सब्सिडी 🚰
किसान अपनी जरूरत के हिसाब से पानी की टंकियां लगवा सकते हैं और इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से 2.25 लाख रुपये से लेकर 3.25 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर 85% सब्सिडी 💧
सरकार किसानों को सूक्ष्म सिंचाई, जैसे ड्रिप सिंचाई आदि के लिए 85% तक की सब्सिडी भी दे रही है, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी।
जल संरक्षण में मदद 🌊
इस योजना के जरिए जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आने वाले समय में खेती में पानी का संकट कम होगा।
नोट: अभी ये स्कीम कुछ दिनों से बंद है नए ऑनलाइन आवेदन शुरू नही हुए है जैसे ही शुरू होंगे व्हात्सप्प पर सूचित कर दिया जायेगा
FAQs ❓
1. हरियाणा वाटर टैंक सब्सिडी योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य किसानों को वाटर टैंक बनाने के लिए आर्थिक मदद देना है, ताकि वे पानी इकट्ठा कर सकें और बाद में उसका इस्तेमाल कर सकें। यह योजना जल संरक्षण को भी बढ़ावा देती है।
2. किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी?
किसानों को 2.25 लाख रुपये से 3.25 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों पर 85% तक की सब्सिडी भी दी जाएगी।